आज हम यूरिया के बारे में बात करेंगे और विस्तार से जानेंगे कि Urea Kya Hai? और यूरिया का उपयोग किस प्रकार तथा क्यों किया जाता है।
यदि हम यूरिया की बात करे तो सबसे पहले इसका ध्यान किसानो और खेती के तरफ जाता है और यही सवाल आता है की Yuriya khad kya hota hai और इसके लाभ हानि क्या क्या होती है।
यूरिया नाइट्रोजन , कार्बन डाइऑक्साइड , हाइड्रोजन और ऑक्ससीजन से मिलकर बना होता है इसको कार्बाइड भी कहा जाता है यह सफेद रंग का है।
कृषि में यूरिया का उपयोग नाइट्रोजनयुक्त रासायनिक खाद के रूप में किया जाता है।
यूरिया क्या है? Urea Kya Hai?
यूरिआ एक कार्बनिक योगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (NH2)2CO होता है इसका अन्य नाम carbamide carbonyl diamide है, इसे carbamide भी कहा जाता है।
यह एक रंगहीन गंधहीन सफेद रवेदार जहरीला ठोस पदार्थ है ये जल में अति विलेय होता है युरीआ में 46% नाइट्रोजन होती है जबकि किसान खाद में 25% से 26% होती है।
- यूरिया का रासायनिक सूत्र – CH4N2O
- यूरिया को सबसे पहले मूत्र में हिलेरी राउले ने खोजा था।
यूरिआ फसल को क्यों दी जाती है ?
यूरिआ का उपयोग पानी देने के समय में होता है जिस समय खेतो में पानी लग रहा होता है उस समय इसका उपयोग किया जाता है यह मिटटी की उर्वर क्षमता बढ़ाती है अलग अलग फसलों में अलग मात्रा में DAP व यूरिया का छिड़काव किया जाता है।
यूरिआ देखने में रंगहीन या सफेद रंग की होती है हम इसे हाथ में ले तो ये चिप चिपि होती है और इसे हाथ में लेकर पानी में डालें तो ये बहुत ठण्डी लगती है।
इसे फसल में पानी देने से पहले छिड़काव किया जाता है, ये फसल को पकने में ज्यादा समय लेती है इसलिए यूरिया को फसल में छिड़काव किया जाता है ये फसल को कच्चा रखती है पकने में समय लेती है।
पोधो में यूरिया डालने से क्या होता है ?
यूरिया का काम पोधो को पोसक बनाना है इसकी कमी से क्लोरोफिम का निर्माण होता है पौधा पिल्ला पड़ जाता है जिससे पौधे को कम भोजन मिलता है।
इसका परिणाम होता है की पैदावार न के बराबर होती है और यूरिया खाद फसल को देने से उसे नाइट्रोजन तत्त्व मिलता है यूरिया डालने से फसल कच्ची रहती है पकने में समय लेती है इससे फसल की ग्रोथ तेजी से और ज्यादा होती है।
यूरिया कब देना चाहिए ?
यूरिया को धान की फसल में पनीरी लगाने के बाद 45 दिनों के भीतर ही डाला जाये यूरिया खाद डालते समय खेत में पानी काम देना चाहिए फसल या पौधे को यूरिया देने का कोई वार या महीना निश्चित नहीं है।
जब फसल या पौधा पीला पड़ने लगे तो ये यूरिया की कमी के लक्षण होते है जब पौधा पीला पड़ने लगे तो उसमे यूरिया डालनी चाहिए
यूरिया के लाभ (Urea ke Labh)
उर्वरा शक्ति बढ़ाने में
किसान अपनी फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाता है और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए मिट्टी के अंदर यूरिया खाद को डाला जाता है जिसमे उपुयक्त मात्रा में नाइट्रोजन होती है जिसके कारण मिटटी उपजाऊ बानी रहती है और अच्छी पैदावार होती है।
किसान की आय में बढ़ोतरी
यूरिया किसानो को काम दाम में उपलब्ध हो जाती है जिस से खर्चा कम होता है और फसल उत्तम किस्म होने के कारण पैदावार में बढ़ोतरी होती है जिसके कारण किसानो की आय में भी बढ़ोतरी हो जाती है।
यूरिया के नुकसान (Yuriya ke Nuksan)
यूरिया ज्यादा डालने से पौधे की जड़ कमज़ोर हो जाती है और जड़ कमज़ोर होने क बाद बारिश या आंधी आने क कारण पौधे गिर जाते है और जिससे उत्पादन पर असर पड़ता है फसल में ज्यादा यूरिया नहीं देनी चाहिए।
खेतों का बंजर होना
पिछले कुछ सालो से खेतो में यूरिया की अंधाधुंध उपयोग से मिटटी की गुणवत्ता कम हो गयी है जिससे मिटटी धीरे धीरे बंजर होती जा रही है जिससे किसानो को बहुत ही नुकसान हो रहा है।
बीमारिया उत्पन होना
जिन फसलों में या खाने की चीजों में यूरिया का उपयोग होता है उनसे शरीर को काफी नुकसान होता है और कई तरह की बीमारिया होती है।
यह एक कीटनाशक की तरह काम में लिया जाता है यह एक प्रकार से जहर ही होता है इसलिये इससे काफी नुकसान हो सकता है।
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निष्कर्ष –
उत्तरप्रदेश के गोरखपुर खाद कारखाना में देश की सबसे अच्छी यूरिया बनेगी यह प्लांट गोरखपुर में लगाया जायेगा।
आज मेने आपको यूरिया के बारे में बताया की यूरिया क्या है यूरिया फसल में क्यों दी जाती है पौधे में यूरिया डालने से क्या होता है और मेने आपको बताया की यूरिया कब देनी चाहिए।
पोधो में यूरिया डालने के दुष्परिणाम इतने टॉपिक के बारे में बताया आसा है की आपको मेरा ये छोटा सा आर्टिकल अच्छा लगा और ज्ञान वर्धक लगा।
FAQs (आपके सवाल हमारे जवाब)
यूरिया खाद से क्या होता है?
यूरिया खाद (Urea fertilizer) ओर्गेनिक खाद है, जो आपकी मिट्टी की क्वालिटी को बेहतर कर सकती है, आपके पौधों को नाइट्रोजन प्रोवाइड कर सकती है और फसल की पैदावार बढ़ा सकती है।
पौधे में यूरिया डालने से क्या होता है?
यूरिया खाद फसल को देने से उसे नाइट्रोजन तत्त्व मिलता है यूरिया डालने से फसल कच्ची रहती है पकने में समय लेती है इससे फसल की ग्रोथ तेजी से और ज्यादा होती है।
यूरिया खाद कब देना चाहिए?
यूरिया को धान की फसल में पनीरी लगाने के बाद 45 दिनों के भीतर ही डाला जाये यूरिया खाद डालते समय खेत में पानी काम देना चाहिए फसल या पौधे को यूरिया देने का कोई वार या महीना निश्चित नहीं है।
यूरिया खाद कितने दिन तक काम करता है?
दानेदार यूरिया का नाइट्रोजन सिर्फ एक हफ्ते तक काम में आता है।
यूरिया का घोल कैसे बनाएं?
आप दानेदार यूरिया को सीधा खेतों में छिड़काव कर सकते हैं और उसके बाद खेत में पानी लगा सकते हैं अथवा आप पानी में सीधा दानेदार यूरिया को मिलाकर यूरिया का घोल बना सकते हैं।
एक बीघा में कितना यूरिया डालना चाहिए?
अन्य खाद के साथ यूरिया को लगभग 50 से 60 किलो प्रति बीघा में डालना चाहिए।