Drip Sinchai Kya Hai (ड्रिप खेती)

ड्रिप खेती या ट्रिकल आईआरीजी (Drip Irrigation) एक ऐसा खेती प्रणाली है जो पानी का इस्तेमाल बहुत कम से कम करती है और खेती के प्रदर्शन को बढ़ाती है।

ड्रिप आईआरजी के द्वारा पानी के संबंध में एक निश्चित मात्रा को वातावरण के अनुसार सीधे जड़ में पहुंचाया जाता है। यह खेती प्रणाली समृद्ध उत्पादन और कम खर्च की गारंटी देती है।

ड्रिप आईआरजी एक उपयोगी खेती प्रणाली है, जो पौधों को बेहतर ढंग से पानी प्रदान करती है। यह खेती प्रणाली ट्यूब और पाइप के माध्यम से पानी को पौधों के निकट जमा करती है।

इस प्रणाली में, पानी के स्रोत के आधार पर समय-समय पर नलीयों और ट्यूबों में छोटी-छोटी नलिकाओं के माध्यम से बारीकी से पानी का छिड़काव करते हुए पौधों को सीधे पानी की आवश्यकता के अनुसार निर्दिष्ट मात्रा में पानी प्रदान किया जाता है।

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ड्रिप कृषि प्रणाली – उन्नत तरीका

भारत कृषि अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। कृषि उत्पादन से ही हमारे देश का अर्थव्यवस्था सकारात्मक रूप से बढ़ता हुआ नजर आता है। लेकिन, अधिक संख्या में किसानों की अर्थव्यवस्था दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।

इसके पीछे की मुख्य वजह है जल की कमी। यही जल की कमी किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है। इस समस्या का समाधान करने के लिए विभिन्न तरीकों की खोज हो रही है। इसमें से एक तरीका है ड्रिप कृषि प्रणाली का उपयोग करना।

ड्रिप कृषि प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्वारा जल की कमी को कम किया जा सकता है। इस प्रणाली का उपयोग किसानों द्वारा किया जाता है जिससे जल के नुकसान को कम किया जा सकता है। इस प्रणाली में पाइप से पानी को बारीकी से टपकाया जाता है। यहां टपकने वाले पानी को पौधों की जड़ों के नीचे टिकाकर लगाया जाता है।

पानी की बचत

ड्रिप आईआरजी से पानी की बचत होती है क्योंकि इस प्रणाली में पौधों को सीधे पानी प्रदान किया जाता है।

ड्रिप आईआरजी सिस्टम एक विशेष प्रणाली है जिसके द्वारा किसानों को पानी की बचत करने में मदद मिलती है। इस प्रणाली में पानी के संचय को बढ़ाने के लिए सिस्टम में टेंक का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, इस सिस्टम में एक विशेष प्रकार के नैट भी लगाए जाते हैं जो टूटी हुई मिट्टी के ऊपर रखे जाते हैं।

इन नेटों में एक छोटी छेद होता है, जिसमें पानी टपकता है और पौधों को सीधे निशाना बनाकर पानी प्रदान करता है।

इस प्रणाली में पानी का उपयोग बहुत ही कम होता है, क्योंकि सिस्टम में पानी के संचय को बढ़ाया जाता है जो बारिश के समय उपयोग के लिए उपलब्ध होता है। इस सिस्टम में पौधों को सीधे जल प्रदान करने के लिए जितना पानी आवश्यक होता है, उतना ही प्रदान किया जाता है।

इस प्रणाली में जल का बहुत ही कम उपयोग होता है, इसलिए इससे किसानों को बहुत ही बड़ी पानी की बचत होती है।

Conclusion

ड्रिप कृषि प्रणाली एक स्वच्छ और उचित पानी बचाने वाली प्रणाली है जो खेती के लिए उपयोगी होती है। इस प्रणाली में, एक निर्दिष्ट मात्रा के पानी को खेत के पौधों के निचले हिस्से पर टपकाया जाता है।

यह प्रणाली भारी वर्षा क्षेत्रों में भी उपयोगी होती है क्योंकि इससे जमीन पर पानी का अधिक से अधिक उपयोग होता है।

पौधों के लिए उन्नत विकास सुनिश्चित होता है। इसके अलावा, यह प्रणाली खेती के लिए बेहद आर्थिक होती है और बढ़ते जल संकट को भी कम करती है।

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